Odisha: ओडिशा (Odisha) के स्वास्थ्य मंत्री नबा किशोर दास (Health Minister Naba Kisore Das) को आज दोपहर करीब 1 बजे झारसुगुड़ा (Jharsuguda) जिले के ब्रजराजनगर (Brajarajnagar) के पास गांधी चौक (Gandhi Chowk) के पास एक सहायक उप-निरीक्षक (assistant sub-inspector) ने गोली मार दी। वे एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे जब उन्हें गोली मार दी गई। यह गोली उनके सीने में जा लगी। पुलिस अधिकारी ने दो राउंड गोलियां चलाईं, जिसमें मंत्री गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि बाद में उन्हें भुवनेश्वर ले जाया गया।
ब्रजराजनगर अनुमंडलीय पुलिस अधिकारी (Brajrajnagar Sub-Divisional Police Officer) गुप्तेश्वर भोई (Gupteswar Bhoi) ने संवाददाताओं से कहा, “सहायक पुलिस उपनिरीक्षक (Assistant Sub-inspector of Police) (ASI) गोपाल दास (Gopal Das) ने मंत्री पर गोली चला दी। मंत्री घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।” पुलिस ने कहा कि गोपाल दास को स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया और हिरासत में ले लिया है।
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प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि जैसे ही वे अपने वाहन से बाहर निकले, उन्हें गोली मार दी गई। आपको बता दें कि, हमले के पीछे के मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं हैं।
घटनास्थल के वीडियो में दिखाया गया है कि दास के सीने से खून बह रहा था। लोग घायल मंत्री को उठाने की कोशिश कर रहे थे जो बेहोशी हालत में थे। उन्हें कार की अगली सीट पर लिटा दिया गया।
लोक शिकायत कार्यालय के उद्घाटन समारोह (public grievance office opening) में नबा दास मुख्य अतिथि थे। जब वे वहां पहुंचे तो उनके स्वागत के लिए भीड़ जमा हो गई। अचानक गोली चलने की आवाज सुनाई दी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, हमने देखा कि एक पुलिस कर्मी नजदीक से गोली चलाकर भाग रहा है।
ओडिशा (Odisha) के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Chief Minister Naveen Patnaik) ने हमले की निंदा की और अपराध शाखा (Crime Branch) को इसकी जांच करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा, “मैं हमले की दुर्भाग्यपूर्ण घटना से स्तब्ध हूं। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं और उनके जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। अपराध शाखा (Crime Branch) को जांच करने का निर्देश दिया गया है। अपराध शाखा (Crime Branch) के वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर जाने के लिए कहा गया है।”
घटना के बाद कस्बे में तनाव व्याप्त हो गया, दास के समर्थकों ने “सुरक्षा चूक” (security lapses) पर सवाल उठाया। उनमें से कुछ ने दावा किया कि उन्हें निशाना बनाने की साजिश रची गई थी।