कांग्रेस ने किया विरोध
Betul: बैतूल के कोसमी में चल रहे कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा अपने एक बयान के वजह से फिर चर्चा में आ गए। उन्होंने अपने कथा के दौरान कहा कि हर घर से एक बेटा संघ या बजरंग दल में होना चाहिए, ये राष्ट्र और सनातन धर्म के रक्षा के लिए बहुत आवश्यक है। पंडित मिश्रा ने आज के स्कूली शिक्षा पर भी कई सवाल उठाए तथा आरोप भी लगाया जिसपर कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए विरोध किया।
आपको बता दें कि बैतूल में मां ताप्ती शिवमहापुराण कथा चल रही है। इस कथा के तीसरे तीन गुरुवार को व्यास पीठ से उन्होंने कहा कि, ” हमारे सनातन धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए हर घर से एक बेटा या तो किसी संघ में होना चाहिए या बजरंग दल में होना चाहिए। हर घर से एक पुत्र को धर्म की रक्षा और राष्ट्र की रक्षा के लिए आगे रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि,”आज चारों तरफ सनातन धर्म को तोड़ने वाले लोग हैं, लेकिन मेरी माताओं ने धर्म और राष्ट्र को संभाल के रखा है। माताओं के द्वारा होने वाले पूजा-पाठ, व्रत, अनुष्ठान, कथा ने सनातन को संभाल रखा है, वार्ना वे बहुत पहले ही सनातन को समाप्त कर चुके होते।”
मिश्रा ने स्कूली शिक्षा पर उठाया सवाल
स्कूली शिक्षा पर सवाल उठाते हुए मिश्रा ने कहा कि, “पहले के समय में गुरुकुल होते थे, उन्हें आज समाप्त कर दिया गया है। आज के काल में स्कूल होते हैं। क्योंकि उन्हें पता था कि गुरुकुल में पढ़ने वाला इंसान कभी नौकर नहीं बनेगा, सिर्फ राजा ही बन सकता है। उन्हें नौकर बनाने थे इसलिए उन्होंने स्कूल शुरू किये।
इस बयान के आगे जोड़ते हुए कहा कि, “उन्होंने कॉन्वेंट स्कूल शुरू कर दिए। स्कूलों में सिर्फ पैसे कैसे कमाना है और लोगों को कैसे बेवकूफ बनाना है ये सिखाया जाता है। लेकिन गुरुकुल में सिखाया जाता है कि तुम देश की रक्षा के लिए क्या कर सकते हो। सनातन धर्म को किस तरह बकहय जा सकता है। गुरुकुल और स्कूल में जमीन-आसमान का अंतर है।”
इस बयान पर कोंग्रेस ने किया विरोध
पंडित प्रदीप मिश्रा के संघ और बजरंग दल वाले बयान पर जिला कांग्रेस महामंत्री ऋषि दीक्षित ने कड़ा विरोध जताया। मीडिया से बात चित के दौरान उन्होंने कहा कि, “हिंदुओं को संबोधित करते हुए मिश्रा ने कहा कि घर के एक बेटे को बजरंग दल और आरएसएस को राष्ट्रहित के लिए देना चाहिए। लेकिन मिश्रा को ये समझना चाहिए कि अगर लोग ऐसे ही RSS या बजरंग दल में जायेंगे तो यह चीज़ देश के लिए कितनी घातक होगी। अगर पंडित मिश्रा ने गलती से यह कहा है तो वे मंच से इस वाकया को वापस लें। अगर वे यह बोलते कि बच्चों को अच्छी शिक्षा दें, देश के विकास में योगदान दें तो बेहतर होता। परन्तु, धर्म का राजनीतिकरण हो रहा है, यह देश के लिए घातक है।”
मिश्रा अपने controversial बयानों के लिए प्रसिद्ध रहते हैं। परन्तु, आपको बता दें कि उनके कथा वाचन में लोगों की बहुत भीड़ उमड़ती है और बहुत से लोग उनके भक्त भी हैं।